Corporate Gita  

Posted by Unknown

Today i came across this one mail which Dad sent to me. Its just the modernisation of our religion, our culture, our belief.

Today also every employee is "arjun" who is skillful in his field. But is every boss "krishna"??


हे पार्थ !! (कर्मचारी),

इनक्रीमेंट अच्छा नहीं हुआ, बुरा हुआ…
इनसेंटिव नहीं मिला, ये भी बुरा हुआ…
वेतन में कटौती हो रही है बुरा हो रहा है, …..
तुम पिछले इनसेंटिव ना मिलने का पश्चाताप ना करो,
तुम अगले इनसेंटिव की चिंता भी मत करो,
बस अपने वेतन में संतुष्ट रहो….

तुम्हारी जेब से क्या गया,जो रोते हो?
जो आया था सब यहीं से आया था…
तुम जब नही थे, तब भी ये कंपनी चल रही थी,
तुम जब नहीं होगे, तब भी चलेगी,

तुम कुछ भी लेकर यहां नहीं आए थे..
जो अनुभव मिला यहीं मिला…
जो भी काम किया वो कंपनी के लिए किया,
डिग़्री लेकर आए थे, अनुभव लेकर जाओगे….

जो कंप्यूटर आज तुम्हारा है,वह कल किसी और का था….
कल किसी और का होगा और परसों किसी और का होगा..
तुम इसे अपना समझ कर क्यों मगन हो ..क्यों खुश हो…
यही खुशी तुम्हारी समस्त परेशानियों का मूल कारण है…

क्यो तुम व्यर्थ चिंता करते हो, किससे व्यर्थ डरते हो,कौन तुम्हें निकाल सकता है… ?
सतत 'नियम-परिवर्तन' कंपनी का नियम है…
जिसे तुम 'नियम-परिवर्तन' कहते हो, वही तो चाल है…
एक पल में तुम बैस्ट परफॉर्मर और हीरो नम्बर वन या सुपर स्टार हो,
दूसरे पल में तुम वर्स्ट परफॉर्मर बन जाते हो ओर टारगेट अचीव नहीं कर पाते हो..
ऎप्रेजल,इनसेंटिव ये सब अपने मन से हटा दो,अपने विचार से मिटा दो,
फिर कंपनी तुम्हारी है और तुम कंपनी के…..

ना ये इन्क्रीमेंट वगैरह तुम्हारे लिए हैंना तुम इसके लिये हो,
परंतु तुम्हारा जॉब सुरक्षित है
फिर तुम परेशान क्यों होते हो……..?
तुम अपने आप को कंपनी को अर्पित कर दो,
मत करो इनक्रीमेंट की चिंता…बस मन लगाकर अपना कर्म किये जाओ…
यही सबसे बड़ा गोल्डन रूल है
जो इस गोल्डन रूल को जानता है..वो ही सुखी है…..
वोह इन रिव्यू, इनसेंटिव ,ऎप्रेजल,रिटायरमेंट आदि के बंधन से सदा के लिए मुक्त हो जाता है….
तो तुम भी मुक्त होने का प्रयास करो और खुश रहो…..

तुम्हारा बॉस कृष्ण ……

This entry was posted on Wednesday, April 22, 2009 and is filed under , , , , , , . You can leave a response and follow any responses to this entry through the Subscribe to: Post Comments (Atom) .

2 comments

बढ़िया सदुपदेश है. इसका पारायण नित्य किया जाना चाहिए... :)

this is followed here in office regularly...
infact here every boss is saying this same thing to all...!! :|